मानव जाति के भविष्य और सेहत पर गहराता संकट।
विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) ने हाल ही में अपनी एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें पीएम-2.5 के आधार पर विश्व के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों का नाम सार्वजनिक किया गया है। चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें से चौदह शहर भारत के हैं, जिसमें नई दिल्ली को विश्व का सबसे प्रदूषित शहर बताया गया है। ये समस्या सिर्फ भारत की ही नही अपितु सम्पूर्ण मानव-जाति की है। वायु प्रदूषण का संकट दक्षिण-एशिया और चीन में ज्यादा गहराया हुआ है। यहाँ प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ चुका है की लोग जहरीली हवा में रहने को मज़बूर हैं। यहाँ पिछले कुछ सालों में कैंसर, अस्थमा और अन्य श्वास-सम्बंधी बीमारियां लोगों को जकड़ रही हैं। इसलिए इस मुद्दे पर ध्यान देना आज के समय की सबसे बड़ी मांग है। वैसे तो वायु प्रदूषण के कई कारण हैं, जैसे: 1. बहुत बड़े पैमाने पर बिजली की खपत। 2. A/c और फ्रिज तथा परफ्यूम से निकलने वाले CFC 3. वाहनों (खास तौर पर पुराने) से निकलने वाला धुँआ। 4. Sustainable Development पर ध्यान ना देना। 5. व्रक्षों तथा जंगलों का सफाया, आदि। परंतु समय की कीमत को देखते हुए हम यहाँ कुछ मुख्य कारणों को समझेंगे। वाय...