कंक्रीट के जंगलों में बारिश की बूंदें
पहली बारिश की कुछ बौछारों से ही कभी न रुकने वाले भारत जैसे देश की जिंदगी कुछ थम सी जाती है। आने वाले दिनों में भी हालात और बदतर होने के ही आसार दिखाई दे रहे हैं। ये हाल लगभग सभी मुख्य शहरों का है, जहां विकास के नाम पर कंक्रीट के जंगल खड़े किए गए हैं। ये कंक्रीट के जंगल जहां न सिर्फ मानसून के मौसम में बाढ़ के हालात पैदा कर देते हैं , बल्कि भूमि के जल स्तर में गिरावट लाने के भी प्रमुख कारण हैं। फलत: गर्मी में आम जनता को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ता है। ऐसे में वर्षा जल प्रबंधन व पौधारोपण ही सबसे कारगर उपाय दिखाई पड़ते हैं। आज यह आवश्यक हो गया है कि सरकार भवन निर्माण कानूनों में वर्षा जल संचयन (Rain Water Harvesting ) को अनिवार्य करे। साथ ही सड़कों पर भी दो-दो मीटर की दूरी पर (फुटपाथ के समीप) ऐसी जालियां बनाई जाएं जो कि पाइपों द्वारा वर्षा जल को भूमि में संचित करने में सहायक हो। हर शहर और गांव में यथासंभव तालाब/जलकुंडों अथवा नहरों का निर्माण होना चाहिए ताकि वर्षा जल का खेती जैसे सही कार्यों उपयोग हो सके। अतः यह वर्षा जल प्रबंधन अनिवार्य ...