मैं भारत बंद के खिलाफ हूँ.....

आज फिर एक बार भारत बंद होगा।

मुझे इस बात से कोई फर्क नही पड़ता की इस बार भारत बंद का आवाह्न किस धर्म या जाति के लोगों द्वारा किया गया है,
और ना ही मुझे इस बात में कोई दिलचस्पी है की उन लोगों की माँगे क्या है।

मुझे तो इस बात की चिंता सताती है की आज फिर मेरे देश के भटके हुए नौजवान अपनी कुछ मांगे पूरी करने के लिए मेरे देश के विकास की गति थाम देंगे।

आज फिर आंदोलन की आड़ में हिंसा और आगजनी की घटनाओं को अंजाम दिया जाएगा,
हर गली, हर शहर चक्का-जाम कर दिया जाएगा।

आज फिर कोई मरीज़ समय पर इलाज़ ना मिलने की वजह से रास्ते में दम तोड़ देगा,
कोई परीक्षार्थी समय पर इम्तिहान देने नही पहुँच पायेगा।
अपना भविष्य सुधारने के लिए दूसरे की जिंदगी से खिलवाड़ किया जाएगा।

आज फिर एक बार राह चलते मुसाफिरों और बेकसूर लोगों को प्रताड़ित किया जाएगा,
सार्वजनिक सम्पत्ति को नुकसान पहुँचाने का भरपूर प्रयास किया जाएगा।

निजी फायदे के लिए कुछ चुनावी मेंढक फिर उतरेंगे सड़क पर लोगों को बरगलाने,
जो पुरे साल खाते थे जूते, सड़े टमाटर-अंडे और ताने।

लाख समझाने पर दिया जाएगा दिया जाएगा अभिव्यक्ति की आज़ादी और मानवाधिकार का हवाला,
अंत में फ़र्ज़ी आंदोलनकारियों द्वारा किया जाएगा कानून-व्यवस्था का हलाला।

पता नही, कब नुकसान से उबरकर मेरा देश चैन की नींद सोएगा,
आज फिर एक बार मेरा भारत रोएगा।

~Kapeesh Garg Brijwasi

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